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चिटठाजगत के अपडेट में कई दिक्कतें हैं, शिकायतों का भी ढेर है।


चिटठाजगत से बहुत ब्लागरों को परेशानी है। कारण साफ है, इसकी अपडेट में परेशानी। जितने ज्यादा चिटठे उतनी ज्यादा परेशानी ? चिटठाजगत का सेवा दल बेचारा शिकायतें सुनते-सुनते थक गया लगता है। लोग हैं कि मानते ही नहीं शिकायतों पर शिकायतें दर्ज या फिर शिकायतों के रूप में सुझाव ! डाकसूचक बना है लेकिन एक अपडेट के बाद यह बन्द है। हवाले चिटठा है लेकिन बेचारा कभी हवाला अपडेट ही नहीं करता। इस ही तरह अन्य अपडेट के लिये चिटठाकार शिकायतें दर्ज करवाते हैं। लगता है अधिक चिटठों की अपडेट और काम के दबाव के चलते शायद इसने अपडेट लेना ही छोड दिया है या यह सिस्टम सरकारी तन्त्र की तरह काम करने लगा है। इन सब के चलते चिटठाजगत का मूल उददेश्य ही खत्म होता नजर आ रहा है। डाक सूचक, हवाला चिटठा सहित अन्य अपडेट के लिये सरल एवं सुविधा जनक और त्चरित तरीका अपनाना चाहिये चिटठाजगत को ताकि नये ब्लागरों को इसके उदेश्यों का फायदा हो और चिटठाजगत को इन नये ब्लागरों से अधिक पोस्टें मिलें। 18 जनवरी, 2009
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