भ्रष्टाचार मिटाना है तो जयपुर नगर निगम से ही शुरू हो जायें भैंरों बाबा ! आप सभी के साथ-साथ हमनें भी दिल्ली में मीडिया के सामने भ्रष्टाचार मिटाने हेतु संघर्ष वाला भैंरों बाबा का बयान देखा ! महारानी पर आरोप लगाये, जांच की मांग की आदि-आदि ! अगर यह नौटंकी नहीं है तो और क्या है ? सीविल लाईस में जमीन प्रकरण तो सभी को याद है, अरे वही मुख्यमंत्री के पीछे वाली जमीन खाली कराने का मामला, भ्रष्टाचार मिटाने वाले भैंरों बाबा आज तक नहीं बोले, ना ही समर्थन किया बेचारे गरीबों का और तो और सम्भाला तक नहीं ? करोडों की सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण वह भी जयपुर निगम द्वारा अवैध घोषित, जिसे बनवाने में मदद की तत्कालीन महापौर अशोक परनामी और उनके अधीनस्थों ने, अब परनामी जी भाजपा के ही विधायक हैं। इस निगम में बोर्ड भी तो भाजपा का ही है। बार-बार जयपुर आने और जयपुर की जनता के हितैशी बनने वाले हमारे भैंरों बाबा ने कभी अवैध निर्माण के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं करवाई ? कभी नहीं बोले, ना ही आन्दोलन किया ? अवैध निर्माण, अवैध कब्जे के नाम पर गरीबों के ठेले से सामान, फुटपाथ पर बैठे गरीब का सामान ही उठा कर लेगये। तब भी नहीं जागे हमारे भैंरो बाबा, जबकि सरकार भी भाजपा की थी, निगम का बोर्ड भी भाजपा का है। अब भाजपा की तो सरकार गई, इस लिये याद आया राजस्थान में भ्रष्टाचार ! अभी भी समय है भाजपा के बोर्ड के आधीन इन भ्रष्टाचारियों से काम करवाने का, इनको सजा दिलवाने का, इनके खिलाफ कार्यवाही करने का ! अगर हमारे भैंरो बाबा में वास्तव में जनता के प्रति नेक विचार हैं तो कर के बतायें कार्यवाही ! अपने पूर्व साथियों और पूर्व पार्टी के वर्तमान पदाधिकारियों के खिलाफ केवल बोलने से या भाषण देने से कुछ नहीं होने वाला, दम है तो सडक पर उतरें इनके खिलाफ ? सरकारी कुर्सी तो आएगी और जायेगी लेकिन जनता यहां की है और यहां पर ही रहेगी ! आपको सोचना है कि आपको कहां रहना है, जनता के साथ या भ्रष्टाचार-भ्रष्टाचार का रटटा लागाते हुये भ्रष्टाचारियों के साथ ? आशा करते हैं जनता को अवश्य बताऐंगे की आप जनता के साथ सडक पर कब आ रहे हैं। 19 जनवरी, 2009 |