श्रीलंका सरकार ने हमले की कड़ी निंदा की है और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
उत्तरी क्षेत्र में अपने इलाके को फिर से हासिल करने की जी-तोड़ कोशिश कर रहे तमिल छापामारों ने मंगलवार को बदले की कार्रवाई के तहत बड़ा आत्मघाती हमला किया। देश के दक्षिणी हिस्से अकुरेसा शहर में मस्जिद के बाहर हुए इस हमले में 30 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई, जबकि दो मंत्रियों समेत 70 से ज्यादा घायल हो गए। मतारा के पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि हमले में बहुत से लोगों के चिथड़े उड़ गए, जिसके चलते मृतकों की गिनती कर पाना मुश्किल है। माना जा रहा है कि हमलावर ने छह मंत्रियों और स्थानीय राजनेताओं को निशाना बनाया था, जो मिलाद-उन-नबी पर एक जुलूस में शामिल हुए थे। मस्जिद के बाहर मुस्लिम समुदाय के लोग मिलाद-उन-नबी मना रहे थे। मतारा में बहुसंख्यक सिंहली समुदाय के लोग रहते हैं और यह राजधानी कोलंबो से करीब 160 किलोमीटर दूर है।श्रीलंका सरकार ने हमले की कड़ी निंदा की है और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। हमले में डाक सेवा मंत्री महिंदा विजेसेखरा बुरी तरह घायल हुए हैं। उनके सिर पर गहरी चोट लगी है। बेहतर इलाज के लिए उन्हें हवाई जहाज से राजधानी कोलंबो लाया गया है। 11 मार्च, 2009
यह हमला ऐसे समय किया गया है जब श्रीलंकाई सेना 25 सालों से चले आ रहे जातीय संघर्ष में पहली बार लिट्टे को वानी क्षेत्र के अंतिम गढ़ से निकालने में सफल होने के करीब है। इस घातक हमले से पता चलता है कि लिट्टे छापामारों के पास अब भी अपने उत्तरी और पूर्वी गढ़ों पर दूर से हमला करने की ताकत बची हुई है।
