राष्ट्र के सर्वोच्च पद से अधिक वेतन लेनेवाले कम्पनी प्रमोटरों पर लगाम लगाओ ! राष्ट्र के सर्वोच्च पद महामहिम राष्ट्रपति से अधिक वेतन पाने वाले कम्पनी प्रबन्धकों-प्रमोटरों का वेतन कम किया जाना चाहिये ! निवेशकों के पैसे से वेतन पाने वाले यह चंद लोग अपने आपको राष्ट्रध्यक्ष से भी उपर समझने लगे हैं ! उदाहरण देने की आवश्यकता नहीं है, आप सभी इन्हें अच्छी तरह जानते हैं। राष्ट्रध्यक्ष कम से कम देश के प्रति बफादार तो है, लेकिन ये कम्पनी प्रमोटर-प्रबन्धक अपनी कम्पनी के भी बफादार नहीं है। मोटा वेतन लेकर आम निवेशकों की पूंजी से अपने आपको देश का पूंजीपति कहलाने में इनको कतई शर्म नहीं आती है। इनके वेतन को कम कर कम्पनियों को हो रहे घाटे अथवा नुकसान की भरपाई की जा सकती है या निवेशकों को इसका फायदा दिया जा सकता है। हर साल बढने वाले इस वेतन पर लगाम लगा कर कम्पनियों के मजदूरों उनके परिवारों, आम गरीब जनता तथा निवेशों जिनका यह पैसा है, को इसका फायदा मिलना ही चाहिये। निवेशकों के पैसे से कम्पनी चला रहे यह लोग पूरी कम्पनी को ही हजम करने में लगे हैं अथवा घोटाले-घपले कर कम्पनी का सत्यानाश कर रहे है अथवा कर चुके हैं। मोटा वेतन लेने वालों के कारण अब तक कई हजार करोड बेचारे निवेशकों के डूब चुके हैं। क्या दिला पाया है कोई इन से निवेशकों का डूबा हुआ पैसा ? अब समय आ चुका है इन पर लगाम कसने का और सख्त निर्णय ले कर कार्यवाही करने ....? 27 जनवरी, 2009 |