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पावर सेक्टर में जानबूझ कर दबाव बना रहे हैं आपरेटर ?

पावर सेक्टर के शेयर्स में पिछले दिनों काफी दबाव देखा गया, जोकि आपरेटरों द्वारा बनाया गया था। इस सेक्टर में ना तो मार्जिन दबाव है और ना ही मंदी का असर है। पट्रोल, डीजल, गैस के अन्तराष्ट्रीय बजार में दाम गिरने के बाद तो इनका मार्जिन और बढ गया है। वहीं शेयर्स के दम कम हुये हैं। इनकी सेल आज भी घटी नहीं है। वहीं इनका फायदा वढा है यह बात अलग है कि कम्पनीयां इसे लेखों में हेराफेरी कर के फायदा कम बताये। वर्तमान हालात में भी इस सेक्टर के पास मांग बढी है, सप्लाई कम है, प्रति यूनिट की दर भी ना तो बढी है और ना ही घटी है जबकि बिजली उत्पादन की लागत काफी कम हुई है। अगर सही तरह से इनके बहीखातों का आंकलन करवाया जाये तो इन कम्पनीयों के सारे घपले और घोटाले सामने आ सकते हैं। साथ ही इनके शेयर्स में हो रही आपरेटरों की गतिविधियों पर नजर रखी जाये और सख्ती बर्ती जाये तो इस क्षेत्र की कम्पनीयों के शेयर्स कुछ समय में ही 75 से 150 प्रतिशत तक बढे हुये देखे जा सकते हैं। चूंकि आपरेटरों का इस सेक्टर में रूझान स्पष्ट है, यही कारण है मंदी की आड में इस सेक्टर को शोर्टसेल कर आम निवेशकों को और मंदी का डर बैठाया जा रहा है। 1 जनवरी, 2009

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