सत्यम को खरीदने वाली कम्पनी को फायदा ही फायदा है ? सरकार हो या अन्य कोई कम्पनी जो सत्यम को लेगा उसे तो फायदा ही होना है। इस कम्पनी को जो घाटा बताया जा रहा है असल में वह गलत तरीके से फायदे के रूप में दर्शाया गया है। इस दर्शाये गये पैसे को हटा दिया जायेगा वर्तमान बहीखातों में घाटे के रूप में दिखा कर। याने गलत तरीके से दिखाया और सही तरीके से हटा दिया बैलेंस बराबर ! दूसरा पहलू अगर इसके कर्मचारियों को लिया जाये तो लेने वाली कम्पनी को फायदा यह है कि इन कर्मचारियों को प्रशिक्षण नहीं देना होगा, साथ ही इनके प्रशिक्षण पर खर्च होने वाला समय और धन बचेगा। अगर इसको जोडा जाये तो इस कम्पनी को लेने वालों को कोई घाटा नहीं है। इसकी जमीन और अन्य सम्पत्तियां व लेनदारियों का फायदा अलग। देनदारियों से ज्यादा तो लेनदारियां है इस कम्पनी की, यही कारण है कि सरकार और दूसरी कम्पनियां इसे लेने में अपने-अपने तरीके से फायदा देख रहे हैं। हां टीवी पर आने वाले सलाहकारों याने अपने बाबालोग तो यह बताने वाले हैं नहीं ? उन्हें तो आपसे आपकी स्थितियां जाननी है कि आप कितने समय तक रूक सकतें हैं, कितना निवेश कर सकते हैं आदि-आदि जानकारियां लेने के बाद ही तो बेचारे सत्यम के शेयर्स में काम करेंगे। अब कोई नई कम्पनी बनाता तो शायद कम से कम एक साल तो लग ही जाता कर्मचारियों को तैयार करने में ही, इस दौरान उनके वेतन, प्रशिक्षण आदि में होने वाला नुकसान अलग से होता। अगर सरकार या अन्य कम्पनी इसे अपने वर्तमान में चल रहे विभाग में जोड ले तो उसकी क्षमता तत्काल बढ जायेगी। इस बढी हुई क्षमता का वर्तमान में आ रही भारी मांग को पूरा करने में किया जा सकता है। सरकारी क्षेत्र में तो वैसे ही इस तरह के प्रशिक्षण प्राप्त कर्मचारियों की काफी कमी है। सरकार अपने विभिन्न विभागों में हर साल अपने कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिलवाने के लिये करोडों खर्च कर रही है। 30 जनवरी, 2009 |