18/11/2008 -- आज के स्टॉक
आज निफ्टी के पडाव इस प्रकार हैं ।
ऊपर—2855, 2905, 2965 और 3065
नीचे--2725, 2695, 2655 और 2602
रूपये का वास्तव में मूल्य क्या है ? कहीं एक रूपये का मूल्य 45 पैसे से भी कम तो नहीं है, बताये साफ-साफ सरकार !
बढती मंहगाई और गिरते रूपये से अब जो असर रूपये पर आया है और आ रहा है शायद आम जनता को बताने की भी हिम्मत नहीं है सरकार की, प्रमुख राजनैतिक दलों चाहे पक्ष के हों या विपक्ष के बोलने कि हिम्मत नहीं रखते हैं। सभी अपने-अपने पूंजीपतियों को बचाने में लगे हैं। रूपये के अवमूल्यन पर कोई भी पक्ष विपक्ष का राजनैतिक दल बोलने को तैयार ही नहीं है। ना ही वास्तविक स्थिति से जनता को सावधान करने की हिम्मत जुटा पा रहे हैं। जो कि अत्यधिक दयनीय स्थिति में पहुंच गई है। हमारे देश के एक रूपये कि कीमत 45 पैसे से भी कम हो चुकी है, जिसे पूरी तरह जनता से छुपाया जा रहा है। चुनावों की हाय तोबा, स्वंय वित्तमंत्री की अपील की सरकारी बैंकों में सरप्लस पैसा जमा कराये सरकारी कम्पनीयां और ब्याज भी ना ले ? साफ है इस का सबसे ज्यादा असर प्राईवेट बैंकों पर ही पडेगा याने जितना बडा बैंक उतना ही......! पूंजीपतियों को करोडों रूपये वापस करने वाले इन प्राईवेट बैंकों को अब आम जनता ही याद आ रही है, ताकि पूंजीपति बचे रहें और आम जनता रोती रहे ! जब स्वंय मंत्री ही भ्रामक बयान दें तो जनता में तो उससे भी ज्यादा भ्रम पैदा होना लाजमी है ही ! वर्तमान हालातों से लगता है खरबों की कीमत करोड में भी बची है या नहीं ? यह तो सरकार शायद चुनावों के बाद ही बता पायेगी ! जब तक चिडिया खेत चुग चुकि होगी ! कोई बताये या ना बताये आम जनता इस स्थिति को महसूस कर रही है। अफगानिस्तान और जिम्बावे की मुद्रा का अवमूल्यन और उसके बाद के हालत को अभी तक यहां की जनता याद रखे हुये है !