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22/10/2008
एफआईआई शोर्टसेलिंग कर रही है- सेबी

पिंक सिटी गोल्ड की पहल पर सेबी ने आंकडे जारी किये !

हमारा सवाल- ट्रेड टू ट्रेड सिस्टम किसके लिये है।

ट्रेड टू ट्रेड सिस्टम किस लिये बनाया गया है। सटोरियों को फायदा पहुंचाने के लिये ? क्यों नहीं लागू किया गया इस सिस्टम को, जबकि खुद सेबी ने ही मान लिया है कि बाजार में शोर्टसेलिंग हो रही है। चलिये सेबी सहित सभी को पता है कि मार्केट में शोर्टसेलिंग चल रही है, यह भी साफ है कि सटोरिये निश्चित रूप से बाजार पर दबाव बना रहे हैं। हम पहले ही अपने लेखों में साफ कर चुके हैं कि इस तरह की गतिविधियां हो रही है। सरकार और सेबी ने भी अब स्पष्ट तौर पर मान लिया है कि यह हो रहा है और वे इसे केवल देख रहे हैं, उनकी नजर इस सारे मामले पर है। बहुत ही साफ है बाजार में पूंजीवाद, पूंजीपति, सटोरिये, कालाबाजारियों को लूट-खरोट की छुट दी जा रही है। समस्या आने पर इनके लिये आर्थिक पैकेज भी उपलब्ध है। ध्यान रहे आम जनता के लिये इस तरह का कोई पैकेज उपलब्ध नहीं है। आम जनता के लिये उपलब्ध पैकेज में टूटी सडकें, मंहगाई, नौकरी जाने का खतरा आदि आदि ? खास बात यह है कि सारी महाभारत में सेबी, सरकार आदि सभी की नजर है केवल लूटने वाली आम जनता पर, लूटेरों पर कोई कार्यवाही नहीं। अब हम भी क्या करें जब खूद सेबी ही मान रही है कि बाजार में शोर्टसेलिंग हो रही है और उसकी नजर में भी है, तो भई साफ है लूटेरे लूट रहे हैं और आप इनके लम्बे हाथों से बच सको तो.........? चलते-चलते हम यह भी बतादें की सेबी ने एफआईआई के शोर्टसेलिंग के आंकडे भी जारी किये हैं, जरा उन्हें भी देख लें ! अब शर्म किस को आनी चाहिये जनता को या ...?
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