झंडे का अपमान कर माफी मांगी, काटने की धमकी देकर, टेप की जांच की मांग कर कार्यवाही से बचने के रास्ते नहीं तो और क्या ?
हाल के दिनों में सरकार और सरकारी नौकरशाह कितने गिर गये हैं कि अपने देश के झंडे (जिसकी रक्षा के लिये सैंकडों क्रान्तिकारियों ने अपने प्राण तक दे दिये) का अपमान करे वालों के खिलाफ कार्यवाही तक नहीं कर सके ? कहा जाता है कि झंडे का अपमाने करने वालों ने माफी मांग ली है ! ऐसा सभी करने लगें तो इस देश के संविधान का क्या होगा, क्या होगा उस झंडे का जिसके कारण इस देश की पहचान है ? क्यों इस देश के नौकरशाह इतने गिर गये कि वे कानून की पालना करने से भी कतरा रहे हैं। इस देश में कानून है, संविधान है और इसकी पालना के लिये नौकरशाहों को दिये गये हैं अधिकार लेकिन शपथ लेने के बाद भी यह नौकरशाह अपनी शपथ को भूल कर झंडे का अपमान सहन कर गये ! इससे बडी शर्म की बात क्या होगी, देश के नागरिकों खास कर उन क्रान्तिकारियों के लिये जिन्होंने इसके लिये अपना सब कुछ देश को दे दिया ! झंडे का अपमान करने वालों पर कार्यवाही नहीं हो सकती तो अपराधियों के खिलाफ क्या कार्यवाही करेंगे इस देश के नौकरशाह ? आप भी जब चाहें, जहां चाहें किसी के खिलाफ बोल सकते हैं, जहां चाहें आतंक फैला सकते हैं, जब चाहें देश के झंडे का अपमान कर माफी मांग सकते हैं आदि -आदि आपको करने की छुट नहीं है ? तो देश के नेताओं, सामन्तों, पूंजीपतियों को यह अधिकार कैसे मिल सकते हैं ? आखिर वे भी तो इस ही देश के नागरिक हैं ! तो इस देश के सभी नागरिकों के लिये कानून और संविधान भी एक ही हैं। फिर नौकरशहों ने भेदभाव क्यों किया अथवा कर रहे हैं कार्यवाही करने में और क्यों अपमान कर रहे है उस शपथ का जो इन नौकरशहों ने ली थी ? अभी तो चुनावों की शुरूआत है देखते रहें कौन कितना और किसका अपमान करता है, किसको छोडा जाता है, किसके खिलाफ कडी कार्यवाही होती है ? किस नौकरशाह को अपनी शपथ याद आती है ? शपथ याद आती भी है या नहीं ?
24 मार्च, 2009