निवेशक अपनी निजी जानकारी ना दें सलाहकारों आदि को ?
आपके द्वारा दी गई जानकारी का कहीं सर्वे के रूप में तो इस्तेमाल नहीं किया जा रहा हैं। शायद ही कभी सलाहकारों से राय लेते समय आपने सोचा नहीं होगा। निवेशक चैनलों पर राय लेते समय पुछे जाने वाले सवालों में अपनी स्थिति के बारे में भी बता देते हैं जैसे आप कितना निवेश और कर सकते हैं, आप कितने दिन तक इसे होल्ड कर सकते हैं, आप क्या इसे और खरीद सकते हैं आदि जानकारीयां मांगी जाती है। जबकि सलाह देते समय इन जानकारीयों की कोई आवश्यकता ही नहीं होती। असल में इन जानकारीयों का इस्तेमाल बाजार में उठापटक करने के काम में लिया जाता है। इन जानकारीयों को सर्वे के रूप में लेकर सटेबाज अपना खेल खलते हैं और बेचारे निवेशक समझ ही नहीं पाते की आखिर हो क्या रहा है। वहीं सलाहकारों को इन जानकारीयों की कोई आवश्यकता नहीं होती है। उन्हें जानकारी कम्पनियों के बारे में जाननी चाहिये, बाजार में हो रही गतिविधियों के बारे में होनी चाहिये, राजनैतिक गतिविधियों आदि के बारे में होनी चाहिये जो बाजार की गतिविधियों और ग्राफ को गिराने व चढाने के लिये आवश्यक हैं। अब यह निवेशकों पर है कि वे अपनी निजी जानकारी लेने वाले को फटकारे ! अगर वास्तव में कोई बाजार विशेषज्ञ है तो उसे आपके व्यक्तिगत आर्थिक स्थिति जानने की आवश्यकता ही नहीं है। उसे आवश्यकता है बाजार की, कम्पनी की, एक्सचेंजों, रेग्यूलेटरों आदि की गतिविधियों की जानकारी की, जिसके आधार पर ही बाजार का अनुमान लगाया जाता है। आम तौर पर होता यह है कि कार्यक्रम प्रस्तुतकर्ता आपका नजरिया पुछता है, जबकि आप बाजार का नजरिया जानना चाहते हैं।
6 फरवरी, 2009
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