mail your suggestion, views, comment
निवेशक घबराऐं नहीं अगली बार 100 प्रतिशत की छुट होगी ?

यूनिटेक का रेकार्ड तोडा सत्यम ने, 85 प्रतिशत तक तोडने की दी गई छुट ?

यूनिटेक के बाद कल सत्यम की जो हालत हुई यह तो सभी ने देखा। लेकिन हमारे एक्सचेंज और सेबी सहित बाकी तो सत्यम को तोडने के लिये सर्किट ब्रेकर का प्रतिशत बढाते रहे। कोई दे रहा था कम्पनी को नोटिस तो कोई जांच करवाने का आश्वासन ! मीडिया ने इस सब पर लगाई नमक और मिर्ची, बढचढ कर बताया सरकार व सेबी यह करेगी वह करेगी, कम्पनी में ऐसा हो गया वेसा हो गया, नहीं कहा तो ट्रेडिंग रोकने के लिये एक शब्द ? ट्रेडिंग को रोकने के बजाय जांच-नोटिस आदि-आदि की कार्यवाही में ही लगा रहा सरकार और सेबी का सारा सरकारी अमला ! एक्सचेंजों में बढता ही रहा सर्किट ब्रेकर का दायरा। अगर सरकार और सेबी को कार्यवाही करनी ही थी तो सबसे पहले इस कम्पनी के शेयर्स के काम पर एक्सचेंजों में रोक लगाते। अब निवेशकों में तो यह चर्चा होने लगी है कि 85 प्रतिशत आज सर्किट ब्रेकर खोला है, कल किसी कम्पनी का 100 प्रतिशत भी सर्किट ब्रेकर खोला जा सकता है, यह किस के लिये खोला जायेगा यह तो समय ही बतायेगा ? फिलहाल कार्यवाही-नोटिस-जांच के आश्वासनों आदि से ही काम चलेगा। यहां हमें हर घोटाले पर यह आश्वासन तो अवश्य मिल ही जायेगा कि जांच करेंगे, देखेंगे, कार्यवाही हो रही है, हमारी पूरे मामले पर नजर है, हम देख रहे हैं ? लेकिन होना कुछ भी नहीं है। ना तो 7 जनवरी की ट्रेडिंग पर रोक लगेगी और ना ही इस पर कुछ कार्यवाही होने वाली है। कार्यवाही होगी भी तो कम्पनी और उसके बोर्ड पर लेकिन निवेशकों के हित में कोई नहीं बोलेगा, मीडिया भी नहीं ? मीडिया के लिये तो लोगों में यह भी चर्चा है कि क्या इस में भी विदेशियों का हाथ है। इस देश के एक्सचेंजों के पास करने को कुछ नहीं ? अब हमारा सरकारी अमला, एक्सचेंज, सेबी आदि इसे देखेंगे जैसे पहले देखते आये हैं और कार्यवाही होगी जैसे पहले करते आये हैं ? निवेशक घबराऐं नहीं ? यह विदेश के आर्थिक अपराधियों का काम है, इन से लडने के लिये जल्दी ही ऐक्सचेंजों को अपडेट किया जायेगा अपराधियों को पकडने के लिये ऐक्सचेंजों का रेकार्ड तो कतई नहीं देखा जायेगा। अत: निवेशकों को कतई घबराने की जरूरत नहीं है। इसके लिये तैयारी की जा रही है, इससे लडने के लिये अनुभवी लोगों की सेना तैयार कर जल्दी ही तैनात की जाऐगी। राजनैतिक, कुटनीति का प्रयोग करते हुये वार्ता और चर्चा जारी है। इस आर्थिक अपराध से लडने में हमारी मशीनरी सक्षम है। खरबपति नेताओं के लिये चिंता की कोई बात नहीं है। आम निवेशकों का पैसा ही तो डूबा है। अभी तो पुराने घोटालों में ही कार्यवाही नहीं हुई तो नये घोटालों में .........? हां यह भी अवश्य पता करें की प्रत्येक सोदे के बाद ब्रोकर ने इन्श्योरेंस के पेटे आपके बिल में कितना जोडा और इसका किस को और क्या फायदा होगा ? फिलहाल वोटर लिस्ट में अपना नाम जांच लें, नाम नहीं हो तो जुडवाऐं और वोट अवश्य दें !
8 जनवरी, 2009
http://objectweekly.tk/