mail your suggestion, views, comment
भारतीय कम्पनियों को दिया गया पैकेज वापस लो ?

अमेरीका के पिछे भागने वाली सरकारों के लिये एक करारा तमाचा ओबामा की तरफ से दिया गया है। बुश के चहेते सटोरियों को कोई सीधा पैकेज नहीं दिया गया है, आम जनता को अमेरीका ने पेकेज देकर सीधी राहत दी है। भारत की सरकार के लिये भी यह तमाचे से कम नहीं है। देखा-देखी करने वाली हमारी सरकार ने अब तक जो पेकेज दिये हैं वह केवल बडे उद्योगों के लिये ही थे। आम जनता के लिये केवल दिखावा ही किया है। जबकि देश की जनता को पेकेज देने की मांग को दरकिनार किया गया। ठीक उसी तरह जैसे पूर्वर्ती अमेरीका की बुश सरकार ने किया। केवल पूंजीपतियों को ही राहत दी गई है फिर भी इसका कोई फायदा इन पूंजीपतियों ने जनता को नहीं दिया है। आज भी रोजमर्रा काम आने वाली वस्तुओं के दाम नहीं घटे हैं घटा है तो मंहगाई का इण्डेक्स मात्र ! देखना यह है कि आरबीआई या अन्य कोई संस्था क्या घोषणा करती है। यहां यह भी साफ है कि सरकार उन लोगों के वेतन में कोई कमी करने का आदेश जारी करने वाली नहीं है, जो लोग राष्ट्राध्यक्ष से भी अधिक वेतन ले रहे हैं। इन वेतन और भत्तों में कमी कर कम्पनियों की हालत को कुछ हद तक सही किया जा सकता है। कर्मचारियों को निकालने से अच्छा तो इन बडे अफसरों और प्रमोटरों का वेतन कम करने के आदेश सरकार और नियामक तत्काल जारी करें ! सरकार के पास तो वेसे भी 10-12 दिन ही बचे हैं, इसके बाद तो चुनाव आचार संहिता लागू हो जायेगी और बाजार और सटोरिये हो जायेंगे बेकाबू ! इसका सलाहकार अपने-अपने तरीके से आभास तो करवा ही रहे हैं। सरकार के पास अब तैयार है बहाना रटारटाया चुनाव के बाद देखा जायेगा, आये तो पहले से बूरा होना ही है, नहीं आये तो आने वाली नई सरकार के लिये पहले ही बता दिया कि आने वाले बजट में नई सरकार को कठिनाईयों का सामना करना ही पडेगा। समय का इन्तजार ही करने में फायदा है। देखें आगे होता है क्या पेकेज तो मिलने वाला है नहीं मिला तो भी केवल पूंजीपतियों के लिये ही है। 21 फरवरी, 2009

BSE INDEX,FREE NSE BSE TIPS
Bookmark and Share
http://objectweekly.tk/