mail your suggestion, views, comment
वाह रे ग्लोब्लाईजेशन, जनता लूटी, अफसर लगे गिफ्ट लेने और मोटा वेतन पाने में, नेता लूट-खसोट कर लगेगें चुनावों में ?

यही तो बात है हमारे देश में ! कुछ चुनिन्दा नेता और अफसर अपनी व्यक्तिगत स्वार्थपूर्ति के चलते कुछ करने को तैयार ही नहीं है। चाहे पक्ष हो या विपक्ष सारे के सारे एक जैसे नाम अलग-अलग, दुकान अलग-अलग काम तो एक ही है ! इस ही लिये तो महान है हमारा देश क्योंकि जनता भूख मिटाने में लगी है, बाकी सारे लूट-खसोट में ! डूबते शेयर मार्केट पर बोलोगे तो, आपका ध्यान बम धमाके पर लेजाया जायेगा, यह नहीं चला तो बाढ पर, यह भी नहीं चला तो पाताल का रास्ता तो है ही ? यह भी नहीं तो आतंकवादी भागेगा या पकडा जायेगा, यहां भी नहीं चली तो कहीं भगदड-दंगाफसाद यानि कुछ न कुछ करके आपका ध्यान मूल समस्या से हटाना यही कार्यक्रम है हमारे तीसरे लोकतन्त्र के स्थम मीडिया हाउसों का ? एक आम आदमी की बात है चूभेगी तो सही ? आखीर परेशान तो जनता ही हो रही है इन सब से ! इनको रोकने का काम किसका का है ? हमारे कानूनों का ? कानूनों की पालना कौन करवायेगा, हमारे देश के मंत्री, अफसर, बोर्ड, निकाय आदि जुम्मेदार संस्थान ? अगर ये नहीं करते हैं तो आम आदमी कुछ नहीं कर सकता हैं । करेगा तो आम आदमी ही अपराधी कहलायेगा ! ऐसी स्थिति को कहते हैं सामन्तवाद ? जो राजे रजवाडों के समय होता था, लेकिन तब जनता के दुखदर्दों को सुना जाता था ! लेकिन आज सुनने वाला कोई है ही नहीं, दिखता है तो चुनाव, कुर्सी, पैसा, चन्द पूंजीपती घराने। बेचारी जनता तो दिखती ही नहीं ! आज की शेयर मार्केट की गिरावट पर हैडलाईन होगी फला कम्पनी को पता नहीं कितने करोड का नुकसान ! जबकि वास्तव में किसी भी कम्पनी को कोई नुकसान नहीं होने वाला ना ही हुआ है ! शेयर्स के भाव घटने और बढने के अन्तर को हैडलाईन बना कर बताने से किसे कम्पनी को लाभ या हानि नहीं होती है, यह सामान्य नियम है, इसे समझना चाहिये हमारे मीडिया के भोंपूओं को ? इनहें अब समझ लेना चाहिये कि अगर आम जनता अपनी पर आ गई तो वे कहां जायेंगे ! अमेरीका या पाताल का वह रास्ता जो आम जनता को बार बार दिखाया जा रहा है। अगर जनता ने दिखा दिया तो इन नौकरों का क्या होगा....? जनता नेताओं और अफसरों की नौकर नहीं हैं, नौकर है तो नेता और अफसर जनता के ! जो नजराना वह लेते हैं वह जनता का ही है और जनता का ही दिया गया पैसा है। इनहें यह समझ लेना चाहिये जब जनता वापस लेती है तो छप्पर फाड..........!
http://objectweekly.tk/