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तू भी डरा, में भी डराता हूं जनता को ?


कई दिनों से महाप्रयोग के नाम पर कई समाचार चैनलों द्वारा जनता को डराने का काम चल रहा है। महाप्रयोग अमेरीकापरस्त देशों की एक चाल है ? यह मात्र एक परमाणु हथियारों के लिये उर्जा का नया विकल्प तैयार करने की तैयारी का एक रूप है ! दूसरों पर पाबन्दी और हम करेगें आम नागरिकों को डरा कर यह प्रयोग ताकि आम नागरिक डरा रहे पृथ्वी के खातमें के नाम पर ! हमारे अमरीका परस्त सरकार और चैनलों की तो बात ही अलग है। इन्हें तो सिर्फ आपनी टीआरपी को देखना है जनता जाये भाड में। नेताओं की तो यह हालत है कि कोई राम को रो रहा है, तो कोई मराठी की माला जप रहा है, तो कोई आपने घोटाले को दबाने में लगा है और जनता मंहगाई को रो रही है। अमेरीकापरस्त सरकारों को इससे कोई लेना देना नहीं है ? नियम कानून-संविधान केवल आम जनता के लिये हैं तो इन नेताओं और चैनलों व समाचार पत्रों के लिये क्यों नहीं ? क्यों नहीं है हमारे कानूनों को लागू करने में एक समानता ? अगर है तो क्यों नहीं कार्यवाही होती है ? लगे रहें एक दूसरे को डराने में कानून है लेकिन सिर्फ दिखाने के लिये ।

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