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आईसीआईसीआई को अमेरीका में आये वित्तीय संकट से करोडों का घाटा ?

जी हां, सभी आम निवेशकों की तरह हमने भी यह समाचार पढा और सूना भी ! लेकिन यह घाटा कम्पनी की कुल पुंजी का 0.1 प्रतिशत भी नहीं है। यह किसी भी सलाहकार, आपरेटर या समाचार देने वाले खबरियों ने नहीं बताया क्यों ? इस घाटे की सूचना लगभग 4 माह से भी अधिक समय से चल रही है। हम अपना सामान्य ज्ञान को ही काम लें तो, व्यवसाय में आपात कोष होता है, विदेशी व्यवसाय के मामलों में विभिन सुरक्षा फण्ड से आपातकालीन सुरक्षा की व्यवस्था होती है। सभी को मिलाया जाये तो यह घाटा कोई बडी या नई बात नहीं है। जिस तरह से हमारे बडे घराने, आपरेटर, सलाहकार, मीडिया के ज्ञानी लोग बता रहे हैं, उन्हें लगता है केवल अफवाह फैलाकर लोगों को लूटना है। बेवकूफ बनाना है ? कोई भी कम्पनी किसी भी स्तर की हो छोटी या बडी इस तरह के देशी या विदेशी घाटे के लिये जो केवल मात्र 0.1 प्रतिशत से अधिक नहीं है से निपटने के लिये कई आपातकालीन फण्डों की व्यवस्था रखती है। यह व्यवसाय का एक अंग होता है। चिंता तब होनी चाहिये थी जब यह घाटा कुल पूंजी का 25 प्रतिशत या अधिक होता ! इन सभी ने यह नहीं बताया किन-किन कम्पनियों को फायदा हुआ है इससे, और कौनसी कम्पनीयां है जिन्हें तो कोई फर्क ही नहीं पडना इस सारे मामले से ! लेकिन इनहें खरीदनें कि सलाह क्यों नहीं दे रहें यह आपरेटर और सलाहकार ? इन कम्पनियों को आपरेटर और बडे पूंजीपति ही अपने विभिन्न फण्डों में क्यों खरीद रहे है ? हमारी राय तो यही है अफवाहों से बचो ! अपने शेयर्स को सोच समझ कर बेचो ! इन सलाहकारों और आपरेटरों से एक सवाल क्या 0.1 प्रतिशत घाटे से यह बैंक बन्द हो जायेगा ? दिवालिया हो जायेगा ? नहीं तो सही राय क्यों नहीं दी ? सही समाचार क्यों नहीं दिये ? सही जानकारी क्यों नहीं दी, हमारे इन महानुभवों नें ? क्या वे इस लायक हैं भी या नहीं आज का बडा सवाल ? आपकी राय का इन्तजार.......
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